मऊनाथ भंजन। कृषि अर्थशास्त्रियों के हवाले से पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने बताया है कि आगामी 50 से 60 वर्षाें में जलवायु परिवर्तन के कारण समुचे मानव जगत पर भोजन का संकट मंडराने वाला है। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य की चिंता आज ही करनी चाहिये और प्रकृति के साथ अनावश्यक छेड़-छाड से बाज आ जाना चाहिये। श्री जमाल ने जलवायु विशेषज्ञों के अनुमान के आधार पर कहा कि निकट भविष्य में जलवायु परिवर्तन की वजह से 2050 तक दुनिया भर में भोजन की भारी कमी हो सकती है। इसकी बड़ी वजह फसल की गिरती हुयी पैदावार, कृषि अनुसंधान में निवेश की कमी और व्यापार में गिरावट बतायी जा रही है। इस सम्बन्ध में खाद्य सुरक्षा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत डा0 कैरी फाउलर ने एक अध्ययन के आधार पर यह जानकारी दी है।

ज्ञातब्य रहे कि डा0 कैरी पाउलर ‘स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट’ के संस्थापक भी हैं। यह संस्थान दुनिया भर में मौजूद बीजों के संरक्षण का काम करता है। डा0 कैरी फाउलर ने कहा है कि कृषि अर्थशास्त्रियों के एक नवीनतम अध्ययन से पता चला है कि विश्व को वर्ष 2050 तक मौजूदा समय से 50-60 प्रतिशत अधिक खाद्य उत्पादन करने की आवश्यकता है। दुनिया की आबादी तेजी से बढ़ रही है जबकि जलवायु परिवर्तन के कारण फसल की पैदावार दर में तीन से 12 प्रतिशत केे बीच गिरावट का अनुमान लगाया गया है।

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