पालिका में अरशद जमाल व अधिशासी अधिकारी से मिला कुरैशी बिरादरी का प्रतिनिधिमण्डल बूचड़ खानों पर लगी रोक अविलम्ब वापस ले सरकार,
पीड़ितों की हर सम्भव करेंगे मदद-अरशद जमाल
मऊनाथ भंजन। आज मऊ नगर के कुरैशी बिरादरी का एक प्रतिनिधिमण्डल नगर पालिका पहुँच कर अधिशासी अधिकारी विद्यासागर यादव एवं पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि अरशद जमाल से मिला। प्रतिनिधिमण्डल ने अपनी पीड़ा बताते हुये कहा कि हमारा मौरूसी पेशा नगर पालिका परिषद द्वारा संचालित सलाटर हाउस में भैंस जबह कर उसका गोश्त बेचने का है। प्रतिनिधिमण्डल में शामिल कुरैशी बिरादरी के लोगों ने कहा कि पूर्व में नगर पालिका परिषद द्वारा लाइसेंस भी जारी किया गया है जिसकी अवधि बढ़ाने एवं लाइसेंस के नवीनीकरण हेतु हमलोगों द्वारा समय से प्रार्थना पत्र भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रशासन द्वारा लाइसेंसे के नवीनीकरण न करने के कारण हमें अपने कारोबार से रोक दिया गया है, जबकि हमारे परिवार के जीविकोपार्जन का यही एक मात्र स्रोत है। इसके बन्द होने से हम कुरैशी बिरादरी के लोग भूखमरी के कगार पर पहुँच चुके हैं। उन्होंने लाइसेंस का नवीनीकरण करने और सलाटर हाउस में भैंसों को जबह कर उसके गोश्त को बेचने की मांग भी की। प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि अगर फौरी तौर से कानूनी रुकावटों को दूर करते हुये इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो गोश्त के खरीदने और बेचने वाले लोग सड़कों पर भी आ सकते हैं।
अध्यक्ष प्रतिनिधि अरशद जमाल एवं अधिशासी अधिकारी श्री विद्यासागर यादव ने कुरैशी बिरादरी के प्रतिनिधिमण्डल की मांगों को गम्भीरता से लेते हुये पूर्ण रूप से हर तरह की मदद देने का आश्वासन दिया। श्री जमाल ने प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों से कहा कि सरकार इस सम्बन्ध में आगामी 10 अप्रैल को निर्णय लेने वाली है। हम भी सरकार के निर्णय का बेसब्री से इन्तेजार कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में जैसे ही कोई निर्णय आता है हम हर प्रकार से आपकी पूरी मदद करेंगे।
श्री जमाल ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुये कहा कि इस देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को कानून के दायरे में रहते हुये अपनी मर्जी का कारोबार करने एवं अपनी पसन्द का खाना खाने की इजाजत है। सरकार को यह सोचते हुये कि यह एक उद्योग है जिससे कुरैशी बिरादरी के लोग पुश्त दर पुश्त रोजी कमाते चले आ रहे हैं। फौरी तौर पर इस समस्या का सरकार द्वारा हल निकाला जाना जनहित में नितान्त आवश्यक है क्यों कि इस कदम से उ0प्र0 के लाखों कुरैशी परिवार रोजी रोटी से महरूम हो गये हैं।
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