Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u304813100/domains/arshadjamalchairmanmau.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the astra-addon domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u304813100/domains/arshadjamalchairmanmau.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
बूचड़ खानों पर लगी रोक फौरन वापस ले उ0प्र0 सरकार-अरशद जमाल - arshadjamalchairmanmau.com

बूचड़ खानों पर लगी रोक फौरन वापस ले उ0प्र0 सरकार-अरशद जमाल

बूचड़ खानों पर लगी रोक फौरन वापस ले उ0प्र0 सरकार-अरशद जमाल
 
मऊनाथ भंजन। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही बूचड़ खानों पर आफत सी आ गयी। ऐसा लगता है कि योगी सरकार ने कोई बहुत बड़ा नया तीर मार लिया हो। हालांकि सच तो यह है कि 2014 में ही उ0प्र0 में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी बूचड़ खनों को बन्द करने का हुक्म जारी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों की मदद से एक गाइड लाइन बना कर प्रदूषण को नियन्त्रित करने वाले विभाग को निर्देश दिया था कि उ0प्र0 में जितने भी बूचड़ खाने इन शर्ताें को पूरा न करते हों उन्हें तुरन्त प्रभाव से बन्द कर दिया जाय। नतीजे के तौर पर सभी नगर निकायों की देख रेख में चलने वाले बूचड़ खानों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक प्रदूषण विभाग ने बन्द करने का आदेश जारी कर दिया। आदेश पत्र की प्राप्ति के बाद जिला प्रशासन एवं पुलिस ने बूचड़ खानों पर कानूनी तौर पर पाबन्दी लगाते हुये नगर निकायों को लाइसेंस देने पर रोक लगा दी थी। मऊ नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल ने उक्त जानकारी देते हुये अपनी एक प्रेस नोट में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही उ0प्र0 के सभी नगर निकायों ने बूचड़ खानों और किसी भी तरह की गोश्त की दुकान पर गोश्त बेचने के लाइसेंस देने पर रोक लगा दी और तभी से सरकारी रेकार्ड में नगर निकायों की देख-रेख में चलने वाले सभी सलाटर हाउस बन्द पड़े हुये हैं। पूर्व चेयरमैन ने अपने बयान में यह बात भी कही है कि सुप्रीम कोर्ट के हुक्म के मुताबिक सिर्फ भैंस के ‘जबीहा’ पर पाबन्दी नहीं है, बल्कि बकरों के जबीहा पर भी पाबन्दी है। मगर चूँकि मऊ में बकरों का कोई जबह खाना (बूचड़ खाना) अलग से नहीें है इस लिये प्रदूषण विभाग के बोर्ड ने नगर पालिका परिषद, मऊ के द्वारा चलाये जा रहे भैंस के जबह खाने पर पाबन्दी लगाते हुये मऊ के बन्धे पर स्थित सलाटर हाउस की लाइट और पानी की सप्लाई काट कर उस में ताला लगा दिया था। पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उ0प्र0 सरकार ने बूचड़ खाना चलाने के लिये बनाये गये कानून में नरमी बरतने की अपील की जिस को मंजूर करते हुये अदालत ने सरकार को एक कमेटी गठित कर पुराने सलाटर हाउसों का नवीनीकरण करके चलाने की इजाजत दी। इस परिप्रेक्ष्य में हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी हुआ।
पूर्व चेयर मैन ने विस्तार पूर्वक अपने बयान में कहा कि पूरे उ0प्र0 की एकलौती मऊ नगर पालिका है जिसने 2003 में केन्द्रीय सरकार से नये सलाटर हाउस बनाने के लिये बजट मंजूर कराकर भवन निर्मित कराया। उन्होंने बताया कि सलाटर हाउस के निर्माण के बाद मेरी चेयरमैनी समाप्त हो गयी और जो लोग मेरे बाद आये उन्होंने इस पर तवज्जोह नहीं दी। मगर 2012 में जब मेरी बीवी नगर पालिका परिषद की चेयरमैन बनीं तो नये सलाटर हाउस का जो अधूरा काम था उसे पूर्ण कराने की योजना बनाई। मगर 2014 में सुप्रीम कोर्ट के कुक्म के बाद पूरी योजना अधर में पड़ गयी। उन्होंने बताया कि 2016 के अन्त में उ0प्र0 में बनाई गयी हाई पावर कमेटी ने 5 सलाटर हाउसों के नवीनीकरण का निर्णय लिया जिस में 3 नगर निगमों के इलावा 2 नगर पालिका परिषद में जिस में रामपुर और मऊ शामिल हैं को नवीनीकरण हेतु चयनित किया गया। नवीनीकरण के इस मद में उ0प्र0 सरकार ने मऊ के लिये 5 करोड़ रूपये के फण्ड की मंजूरी भी दे दी। नगर पालिका परिषद मऊ की ओर से पूर्ण प्रोजेक्ट उ0प्र0 सरकार के पास जमा कर दिया गया है। चुनाव के कारण काम बागे नहीं बढ़ सका है। पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल ने अपने बयान में बताया है कि अब उ0प्र0 में नई सरकार बन चुकी है। हमें आशा है कि जल्द ही मऊ में बूचड़ खाने के नवीनीकरण की मंजूरी मिल जायेगी। श्री जमाल ने हुकूमत और प्रशासन को आगाह किया है कि इस देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को कानून के दायरे में रहते हुये अपनी मर्जी का कारोबार करने एवं अपनी पसन्द का खाना खाने की इजाजत है। सरकार को यह सोचते हुये कि यह एक उद्योग है जिससे कुरैशी बिरादरी के लोग पुश्त दर पुश्त रोजी कमाते चले आ रहे हैं। अगर फौरी तौर पर इस समस्या का सरकार की ओर से हल नहीं निकाला गया तो उ0प्र0 से लाखों कुरैशी परिवार रोजी रोटी से महरूम हो कर सड़क पर आ जायेंगे और खाने इस कमी से जो गरीब वर्ग है उसे भी नाना प्रकार की परेशनियों व समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। अगर फौरी तौर से कानूनी रुकावटों को दूर करते हुये इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो गोश्त के खरीदने और बेचने वाले लोग सड़कों पर भी आ सकते हैं। श्री जमाल ने सरकार से अपील की है कि इस विशेष समस्या पर जजबात में फैसला लेने के बजाये सरकार दूरन्देशी से फैसला लेते हुये इस मस्अले का तुरन्त हल निकाले।
सोशल मीडिया पर शेयर करें

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *