भारत का प्रधानमंत्री भारत गणराज्य की सरकार का मुखिया होता हैं। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है, उनका पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी है। भारत के प्रधानमंत्री का पद, भारत के शासनप्रमुख का पद है। संविधान के अनुसार, वह भारत सरकार का मुखिया, भारत के राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। भारत की राजनैतिक प्रणाली
में, प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल में एक वरिष्ठ सदस्य होते हैं।
भारत के प्रधानमंत्री की सूची 1947 से 2023 तक:
प्रधानमंत्री का नाम | कार्यकाल | राजनीतिक पार्टी का नाम |
जवाहर लाल नेहरू (1889–1964) | 26 फरवरी, 1950 से 27 मई, 1964 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
गुलज़ारी लाल नन्दा (1898–1997)(कार्यवाहक) | 27 मई, 1964 से 09 जून, 1964 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
लाल बहादुर शास्त्री (1904 –1966) | 09 जून, 1964 से 11 जनवरी, 1966 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
गुलज़ारी लाल (1898-1997) नन्दा (कार्यवाहक) | 11 जनवरी, 1966 से 24 जनवरी 1966 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
श्रीमती इंदिरा गांधी (1917–1984) | 24 जनवरी, 1966 से 24 मार्च, 1977 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
मोरारजी देसाई (1896–1995) | 24 मार्च, 1977 से 28 जुलाई, 1979 | जनता पार्टी |
चरण सिंह चौधरी (1902–1987) | 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 | जनता पार्टी (सेक्युलर) |
श्रीमती इंदिरा गांधी (1917–1984) | 14 जनवरी, 1980 से 31 अक्टूबर, 1984 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
राजीव गांधी (1944–1991) | 31 अक्टूबर, 1984 से 1 दिसम्बर, 1989 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
विश्वनाथ प्रताप सिंह (1931–2008) | 01 दिसम्बर, 1989 से 10 नवम्बर, 1990 | जनता पार्टी |
चन्द्रशेखर सिंह (1927–2007) | 10 नवम्बर, 1990 से 21 जून, 1991 | समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) |
पी. वी. नरसिंह राव (1921–2004) | 21 जून, 1991 से 16 मई, 1996 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
अटल बिहारी वाजपेयी (1926) | 16 मई, 1996 से 01 जून, 1996 | भारतीय जनता पार्टी |
एच. डी. देवगौड़ा (1933) | 01 जून, 1996 से 21 अप्रैल, 1997 | जनता दल |
इन्द्र कुमार गुजराल (1933–2012) | 21 अप्रैल, 1997 से 19 मार्च, 1998 | जनता दल |
अटल बिहारी वाजपेयी (1926) | 19 मार्च, 1998 से 22 मई, 2004 | भारतीय जनता पार्टी |
डॉ. मनमोहन सिंह (1932) | 22 मई, 2004 से 26 मई, 2014 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नरेन्द्र मोदी (1950) | 26 मई, 2014 से अब तक | भारतीय जनता पार्टी |
भारत में प्रधानमंत्री का चयन तथा नियुक्ति कैसी होती है?
प्रधानमंत्री के चयन तथा नियुक्ति के सम्बन्ध में संविधान के अनुच्छेद 75 में केवल यह प्रावधान किया गया है कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा। लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं है कि राष्ट्रपति अपने विवेकाधिकार से प्रधानमंत्री की नियुक्ति कर सकता है। सामान्य प्रथा यह है कि राष्ट्रपति उसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त कर सकता है जो लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है। जो व्यक्ति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता चुना जाता है, वह राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा करता है।
इसके बाद उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया जाता है। यदि सामान्य चुनाव में कोई भी दल बहुमत नहीं प्राप्त करता, तो राष्ट्रपति लोकसभा में सबसे बड़े दल के नेता को या किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसे कई दलों का समर्थन प्राप्त हो, को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करके उससे यह अपेक्षा करता है कि वह एक मास के अंतर्गत लोकसभा में अपना बहुमत साबित करे।
प्रधानमंत्री पद के लिए योग्यता:
प्रधानमंत्री की योग्यता के सम्बन्ध में संविधान में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है, लेकिन इतना अवश्य कहा गया है कि प्रधानमंत्री लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होगा। लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होने के लिए आवश्यक है कि नेता लोकसभा का सदस्य हो। इसलिए प्रधानमंत्री को साधारणत: लोकसभा का सदस्य होने की योग्यता रखनी चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति, जो कि लोकसभा का सदस्य नहीं है, प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया जाता है तो उसे 6 महीने के अंतर्गत लोकसभा का सदस्य होना पड़ता है। प्रधानमंत्री के लिए लोकसभा की सदस्यता अनिवार्य नहीं है। उसे वस्तुत: संसद के दोनों सदनों में से किसी एक सदन अर्थात् लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य अनिवार्यत: होना चाहिए।
भारत के प्रधानमंत्री की पदावधि:
सामान्यतया प्रधानमंत्री अपने पद ग्रहण की तिथि से लोकसभा के अगले चुनाव के बाद मंत्रिमण्डल के गठन तक प्रधानमंत्री पद पर बना रह सकता है, लेकिन इसके पहले भी वह
- राष्ट्रपति को त्यागपत्र देकर पदमुक्त हो सकता है, या
- लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के कारण पद त्याग करता है, या
- राष्ट्रपति के द्वारा बर्ख़ास्त किया जा सकता है।
भारत के प्रधानमंत्री का वेतन एवं भत्ता:
प्रधानमंत्री को प्रतिमाह 1,25,000 रुपये वेतन के रूप में मिलते हैं। साथ ही उन्हें मुफ़्त आवास, यात्रा, चिकित्सा, टेलीफ़ोन आदि की सुविधाएँ करायी जाती हैं। भत्ते के रूप में प्रधानमंत्री को निर्वाचन क्षेत्र, आकस्मिक ख़र्च, अन्य ख़र्चे एवं डी.ए. आदि दिया जाता है।
भारतीय प्रधानमंत्री के अधिकार एवं उनके कार्य:-
- मंत्री परिषद का निर्माण करना- भारत के प्रधानमंत्री का सर्वप्रथम कार्य यह की वह अपनी नियुक्ति के बाद अपने दल के योग्यतम व्यक्तियों को और दल के बाहर के अन्य मंत्री को जरूरत अनुसार अपने मंत्री परिषद में शामिल करता है। मंत्रियों के पद और उनके कार्यों का विभाजन भी वही करता है।
- मंत्रियों को अपदस्थ करना- भारत के प्रधानमंत्री को यह अधिकार है, की अगर कोई मंत्री उसके नेतृत्व को स्वीकार न करें तो वह उसे अपदस्थ कर सकता है।
- मंत्री मण्डल की बैठकों का सभापतित्व करना- प्राय: समय-समय पर मंत्री मण्डल की बैठक होती रहती है और इस बैठक का सभापितत्व करने का अधिकार भी केवल प्रधानमंत्री को है। बैठक की संपूर्ण कार्यवाही को नियंत्रित करने और मंत्रियों को आदेश देने का कार्य भी प्रधानमंत्री करता है।
- नीति-निर्धारित करना- शासन के विभागों में नीति-निर्धारित करते समय मंत्रीगण को प्रधानमंत्री की अनुमति लेना अत्यंत जरूरी है। अंत में जो निर्णय प्रधानमंत्री का होगा वही निर्णय सभी मंत्रीगण का भी होगा।
- नीतियों में सामंजस्य स्थापित करना- कई बार केंद्र सरकार की नीतियों और राज्य सरकार की नीतियों में मतभेद उत्पन्न हो जाते है, इन मतभेदो को सुलझाने तथा नीतियों में सामंजस्य स्थापित करने का कार्य भी प्रधानमंत्री का है।
- लोकसभा का नेतृत्व करना- प्रधानमंत्री लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है, जिस कारण अपनी समस्त कार्यवाहियों के प्रति संसद में उत्तरदायी होता है। प्रधानमंत्री को ही लोकसभा का नेतृत्व करना पड़ता है।
- प्रधानमंत्री “राष्ट्रिय नेता” के रूप में- प्रधानमंत्री राष्ट्र का नेता होता है क्योंकि चुनाव में लोग दल या चुनाव पत्र को वोट नहीं देते बल्कि विभिन्न दलों के प्रधानमंत्री उम्मीदवार को ध्यान में रखकर मतदान करते है।