बीजेपी सत्ता के नशे में चूर हो कर बदले की भावना से कर रही है कार्यवाही
‘‘मस्कन’’ पर बुल्डरोजर चलवाने से नहीं बनेगा बीजेपी का चेयरमैन-अरशद जमाल
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मऊनाथ भंजन। नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र, मऊ (नगर मजिस्ट्रेट) श्री हंसराज यादव द्वारा दिये गये निर्णय पर पूर्व पालिका अध्यक्ष अरशद जमाल ने प्रेस नोट जारी कर के अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। श्री जमाल ने कहा कि मेरे आवास ‘‘मस्कान’’ के अगले हिस्से के ध्वस्तिकरण के लिये नगर मजिस्ट्रेट द्वारा आदेश दिया जाना सत्ता के प्रभाव का प्रतीक है। इस प्रकरण में लिप्त अधिकारियों के विरूद्ध जांच की जानी चाहिये। नियत प्राधिकारी ने तथ्यों को नजर अन्दाज करते हुये सरकार ेऔर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दबाव में इसलिये एैन चुनाव अधिसूचना के दिन यह निर्णय दिया है ताकि मेरे चुनाव को प्रभावित किया जा सके, मगर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को यह बात समझ लेनी चाहियें कि मेरे आवास पर बुल्डोजर चलाने से उनका चेयरमैन नहीं जीतेगा।
श्री जमाल ने कहा कि इस पुरे निर्णय में सत्यता को नजर अन्दाज कर के दुर्भावना पूर्ण आदेश दिया गया है। मेरे द्वारा 72-59 कड़ी व 7-5 कड़ी अर्थात कुल 80-09 कड़ी जमीन रजिस्टर्ड बैनामें द्वारा क्रय की गयी है। मेरा पुरा आवास मात्र 57 कड़ी में निर्मित है बाकी 23 कड़ी भूमि में सहन, सेट बैक और लेन वाईडेनिंग के रूप में है। नियत प्राधिकारी/नगर मजिस्ट्रेट ने 7.5 कड़ी बैनामें की भूमि का अपने निर्णय में कोई जिक्र नहीं किया है , पूर्व नगर मजिस्ट्रेट श्री बसंता व उप जिलाधिकारी सदर व क्षेत्राधिकारी नगर की उपस्थिति में तहसीलदार सदर नायब तहसीलदार एवं लेखपालों की टीम द्वारा स्थल का सीमांकन किया गया सीमांकन उपरान्त पाया कि अरशद जमाल द्वारा अपनी भूमि पर मकान निर्माण कराया गया है। रास्ता पार्क व ईदगाह पर कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है। उक्त रिपोर्ट मा0 जिलाधिकारी महोदय को प्रेषित की गयी जिस पर मा0 तत्कालीन जिलाधिकारी श्री वैभव श्रीवास्तव द्वारा अपने निर्णय दिनांक 23-07-2016 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मौके के अनुसार स्थल पर कोई अतिक्रमण होना नहीं पाया जाता है। श्री जमाल ने कहा कि सारे अभिलेख बहस के पूर्व ही पत्रावली में दाखिल हैं, इससे स्पष्ट है कि प्रश्नगत निर्णय साजिश एवं दबाव में किया गया है। सत्ता के दबाव में दिये गये निर्णय से समाजवादी पार्टी में काफी आक्रोश है। श्री जमाल ने कहा कि न रोज बीजेपी की सत्ता रहेगी और न कमजोर अधिकारियों का अधिकार।