14 तारीख को आयोजित होने वाले विशाल सामूहिक धरना के सम्बन्ध में प्रेस वार्ता
बारिश होने पर भी समय से होगा धरना-मुफ्ती अनवर अली
मऊनाथ भंजन। साम्प्रदायिक सौहार्द को आघात पहुँचानेे, संगठित भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं, अल्पसंख्यकों और दलितों पर हमले, नफरत की राजनीति के विरुद्ध व लोकतन्त्र और संविधान की रक्षा के लिये मऊ नागरिक मंच की जानिब से अगामी शुक्रवार को होने वाले विशाल धरने के सम्बन्ध में मऊ नागरिक मंच के कनवीनर मुफ्ती अनवर अली ने आज मस्कन में एक प्रेसवार्ता की।
कनवीनर मुफ्ती अनवर अली ने प्रेस से बात चीत में कहा कि लोकतान्त्रिक मूल्यों को क्षति पहुँचा कर कोई व्यक्ति संविधान के प्रति समर्पित कैसे हो सकता है। ऐसे लोग जो संविधान की मंशा के विरूद्ध आचरण करते हुये हमारे भारतीय लोकतान्त्रिक मूल्यों की जड़ें खोद रहे हों उन्हें चिन्हित कर रोका जाना नितान्त आवश्यक है। मौलाना ने चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि कोल्काता के बशीर घाट में एक बे कसूर की भीड़ ने हत्या कर दी, झारखण्ड में मजलूम अंसारी व आजाद खान, ट्रक ड्राइवर जाहिद, कशमीर के एमएलए रशीद इन्जीनियर, मतीन अब्बास, मन्देसवर रेलवे स्टेशन पर एक औरत पर हमला, अलवर जिले में पहलू खान, आसम में अबू हनीफा और रेयाजुद्दीन, जाहिद रसूल, गुलाम मुहम्मद, इखलाक अहमद ओर जुनेद आदि को भीड द्वारा मार दिया गया। ऐसी बहुत सी घटनायें भीड़ द्वारा हो रही हैं जिससे हमारे मुल्क की साख खराब हो रही है। उन्होंने अपनी अपील में जानकारी देते हुये कहा कि बारिश होने पर भी धरना अपने निर्धारित स्थान छीतनपूरा ईदगाह के सहन में 2 बजे से 4 बजे तक होगा। मौलाना ने बताया कि इस धरने में डाक्टरों, अधिवक्ताओं, बुद्धिजीवियों, राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों तथा शिक्षकांे एवं व्यापारियों को भी आमंत्रित किया गया है।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुये मौलाना इफ्तेखार मिफ्ताही ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हमारा देश लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर आधारित है और हमारे अपने संविधान से संचालित होता है, पर इस समय देश में भीड़ द्वारा किसी व्यक्ति को जान से मारडालने एवं अल्पसंख्यकों एवं दलितों को निशाना बनाये जाने से मुल्क की गंगा जमुनी तहजीब एवं हसारे राष्ट्र की अनेकता में एकता के द्योतक हमारे गणतन्त्र पर ही खतरा मण्डराने लगा है। क्या भीड़ द्वारा किसी व्यक्ति को पकड़कर स्वयं ही न्याय देने का बेड़ा उठा लेना उचित है। इन्हीं सब गैर जमहूरी कृत्यों एवं साम्प्रदायिक सौहार्दपूर्ण माहौल को दूषित करने वाली घटनाओं को देखते हुये बड़ा प्रश्न यह उठ रहा है कि देश में कानून का राज कायम रहेगा या भीड़ का। इन्हीं खतरों को मद्देनजर रखते हुये हम मुल्क के सभी बुद्धिजीवियों, विचारकों, सियासी नेताआंे, धर्मिक रहनुमाओं एवं देश के प्रति उत्तरदायी आम लोगों को एक साथ लेकर यह संदेश देना चाहते हैं कि हमारी केन्द्र सरकार मुल्क एवं मुल्क के संविधान तथा हमारे लोकतन्त्र की रक्षा के लिये ऐसे घृणित एवं घातक माहौल पैदा करने वालों के विरूद्ध अविलम्ब कार्यवाही करे।
पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न के उत्तर में सामाजिक कार्यकर्ता अरविन्द मूर्ति ने कहा कि हम इन्सानियत की रक्षा सुरक्षा के लिये किसी भीड़ के संविधान विरूद्ध आचरण के खिलाफ सभी सियासी पार्टियों के नेताओं, धर्माें एवं सुमुदायों को एक साथ लेकर 14 तारीख को जुमा बाद यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
विरेन्द्रकुमार एवं मुरलीधर ने कहा कि हमारे सामने सबसे बड़ा यही खतरा खड़ा है कि मुल्क में कानून के राज की पकड़ ढीली पड़ती जा रही है, जिससे पूरे मुल्क में भीड़तन्त्र की एक नई अवधारणा पनप रही है। माॅब लिंचिंग अर्थात भीड़ के द्वारा किसी को मार डालने पर रोक लगनी चाहिये।
मऊ नागरिक मंच के प्रवक्ता अरशद जमाल ने अपील करते हुये कहा कि सभी लोग शान्तिपूर्ण ढंग से एवं अनुशासित होकर इस धरने में शरीक हों। 4 बजे जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को मांग पत्र सौंपा जायेगा। श्री जमाल ने कहा कि हमें अपने शहर मऊ से साम्प्रदायिक सौहार्द की रक्षा हेतु प्रबल कदम उठाना है और पूरे देश को इसकी प्रेरणा देते हुये इस विशाल सामूहिक धरना के माध्यम से यह संदेश भी देना है कि हमें हमारे गणतन्त्र की रक्षा करनी है, देश के संविधान को बचाना है तथा सभी धर्माें एवं विचारों के लोगों की अनेकता में छुपी हमारी एकता की इस खूबी को भी सदैव बनाये रखना है।