एएमयू ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन, मऊ द्वारा ‘सर सय्यद डे’ वार्षिकोत्सव आयोजित
शिक्षार्जन में नहीं है बाधा, सामाजिक बुराइयों से भी बचाती है समय से शादी-न्यायाधींश मोहम्मद नसीम
शिक्षा ही है अज्ञानता का एक मात्र उनमूलन स्रोत-अरशद जमाल
मऊनाथ भंजन। अलीगढ़ के पूर्व छात्रों द्वारा निर्मित एएमयू ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन, मऊ द्वारा नगर के दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र स्थित दारूल उलूम ब्वायज हाई स्कूल में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सय्यद अहमद खां पर आधारित ‘सर सय्यद डे’ वार्षिकोत्सव आयोजित किया गया, जिस में एकत्र होने वाले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र एवं पूर्व छात्र एक साथ बैठकर सर सय्यद अहमद खां द्वारा चलाये गये शिक्षा के मिशन को आगे बढ़ाने हेतु संकल्प लेते हैं। वे इस गोष्ठी के माध्यम से सार्थक शि़क्षा को अर्जित करने में विद्यमान बाधाओं को दूर करने पर विचार करते हैं तथा शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्ता से लोगों को अवगत कराते हैं। सर सय्यद डे से सम्बद्ध आयोजित इस गोष्ठी में एएमयू के छात्रों ने मकाला के माध्यम से अपने अपने विचार पेश किये तथा विद्वान अतिथियों ने शिक्षा के जादूई करिश्मों पर विस्तार से चर्चा की। इस गोष्ठी में प्रतियोगी परीक्षाओं में आल इण्डिया स्तर पर अपना स्थान बनाने वाले छात्रों को भी मोमेंटो दे कर सम्मानित किया गया।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जनपद बदायूँ में तैनात अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधींश मा0 मोहम्मद नसीम ने अपने वक्तब्य में कहा कि शिक्षा के बिना कुछ किया ही नहीं जा सकता। शिक्षार्जन के लिये उमर एवं समय की कोई बाध्यता नहीं है अल्बत्ता जब ठान लें वही इसके लिये सही समय है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी शिक्षा अर्जित करना चाहिये जो देश की उन्नति का आधार हो। शिक्षा प्राप्ति के लिये यह आवश्यक है कि आप द्वारा अर्जित की जाने वाली शिक्षा से समाज एवं देश का हित और उन्नति सम्बद्ध हो। इसी के साथ आप अपने परिवार के आर्थिक सहयोग के प्रति भी समर्पण की इच्छा रखते हों। मा0 न्यायाधींश ने अपने जीवनी को लोगों से साझा करते हुये कहा कि सामाजिक बुराइयों को पनपने न देने के लिये बच्चे-बच्चियों की शादियां समय से कर देनी चाहिये क्यों कि शादी कर देने से बच्चे खराब नहीं होते बल्कि वे बनते हैं एवं जिम्मेदारी उठाने के योग्य होते हैं। इस संदर्भ में यह नहीं सोचना चाहिये कि बच्चों की शिक्षा पूरी हो जाये, वे नौकरी से लग जायें या उनका व्यापार हो जाये तब शादी कर देंगे। उन्होंने बताया कि दाम्पत्य जीवन में कदम रखते ही अर्द्धांगिनी की किस्मत भी उनके साथ जुट जाती है इस लिये शादी को भी सरल एवं आसान बनाने की नितांत आवश्यकता है।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने सभी मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि शिक्षा ही अज्ञानता का एक मात्र उनमूलन स्रोत है एवं शिक्षा ही उन्नति का मुख्य आधार भी है जिससे हम अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने और लक्षित शिखर तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त पाते हैं। श्री जमाल ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक ऐसी शैक्षणिक संस्था है जो अपने आप में अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि इस विश्व विद्यालय ने हमारी कौम को अज्ञानता के अधियारों से निकाल कर प्रकाशमय भविष्य की ओर अग्रसारित किया है जो हमारे पूर्वज सर सय्यद अहमद खां की दूरदर्शिता एवं शिक्षा के प्रति उनकी अवधारणा का प्रतीक बन कर विश्व पटल पर विद्यमान है जिससे मेरी बच्ची सना फारूकी भी लाभांवित हुयी हैं। इस प्रकार एएमयू से निकलती रोशनी ने मेरे घर में भी प्रकाश बिखेरा है। श्री जमाल ने एएमयू ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन, मऊ द्वारा ‘सर सय्यद डे’ वार्षिकोत्सव आयोजित करने पर पूरी टीम को बधाई दी।
उक्त गोष्ठी में मकाला निगार (निबंधकार) एवं वक्ताओं में सना फारूकी, मोतीउर्रहमान, शाहिद जमाल, डा0 मुसर्रत जहां, कामिल अजीज, शैखुल इस्लाम, शहजाद खुर्रम आदि शामिल थे जिन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एवं इसके संस्थापक स्व0 मा0 सर सय्यद अहमद खां की जीवनी पर विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर एएमयू ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन, मऊ के अध्यक्ष-शहाबुद्दीन इंजीनियर, मुख्य संरक्षक-अब्दुस्सुब्हान अलीग, हाफिज शमीम अहमद, पूर्व सांसद सालिम अंसारी, प्रधानाचार्य-शाहिद जमाल, डा0 नूरूद्दीन, हाजी फैयाज सुमन, इक्बाल वेल्डिंग, डा0 फैजुर्रहमान, पुरस्कृत छात्र-छात्रायें एवं उनके अभिभावकगण, एसोसिएशन के सदस्यगण तथा गणमान्य लोग उपस्थित रहे। गोष्ठी की अध्यक्षता पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने की तथा संचालन मोहम्मद सालिम ने किया।
दिनांकः 30.10.2023
अहमद शकेब अर्सलान
(मीडिया प्रभारी)
नगर पालिका परिषद
मऊनाथ भंजन, मऊ