उन्होंने बताया कि 18 से 60 वर्ष के सभी बुनकर जिनकी पढ़ाई बीच में रूक गयी वे बीपीपी (ठच्च्) कोर्स जो इण्टरमीडिएट के बराबर है में प्रवेश लेकर इण्टरमीडिएट पूर्ण करें। उन्होंने बताया कि बीपीपी कोर्स में प्रवेश लेने के लिये कोई शैक्षिक योग्यता आवश्यक नहीं है। बुनकर आवेदक को सभासद द्वारा बुनकर के रूप में प्रमाणित किया गया प्रमाण-पत्र बीपीपी में प्रवेश हेतु मान्य है। आवेदक बीपीपी में प्रवेश लेने के लिये मात्र 2 फोटो, आयु प्रमाण-पत्र लगा कर प्रवेश ले सकते हैं। श्री जमाल ने कहा कि ये बुनकरों के लिये अपनी अशिक्षा को दूर करने का सुनहरा मौका है। विशेषकर उन बुनकरों के लिये जिनकी पढ़ाई धनाभाव के कारण बीच में ही रूक गयी और उनकी महत्वाकांक्षा अधूरी रह गयी। अरशद जमाल ने प्रेरणा देते हुये बताया कि इण्टर पास करने के बाद आपको इग्नू से बीए की उपाधि हासिल करने का रास्ता साफ है। इग्नू से ग्रेजुएट होने पर आप भी देश के बड़े से बड़े काम्पेटीशन जैसे आईएएस, आईपीएस, पीसीएस एवं अन्य में अपनी योग्ता का लोहा मनवा कर देश के बड़े पदों पर अपनी सेवायें दे सकेंगे।
इग्नू द्वारा पालिका के सभागार में शिक्षा के प्रोत्साहन हेतु कार्यक्रम आयोजित
इग्नू द्वारा पालिका के सभागार में शिक्षा के प्रोत्साहन हेतु कार्यक्रम आयोजित
बुनकर व बुनकर प्रनिधियों, बुद्धिजीवियों, जन प्रतिनिधियों एवं इग्नू के अधिकारियों के बीच विस्तृत वार्ता
नहीं ले सके बुनकर शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश, लिया तो छूटी पढ़ाई, बुद्धिमान भी शिक्षा की मुख्य धारा से पिछड़े, बीपीपी में बुनकरों से प्रवेश की अपील-अरशद जमाल
मऊनाथ भंजन। इन्दिरा गाँधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी (इग्नू) की डीसीसएसकेपीजी कालेज मऊ में चल रही अध्ययन केन्द्र (शाखा) की जानिब से आज नगर पालिका परिषद के सभागार में अपने शिक्षा जागरूकता अभियान के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बुनकर व बुनकर प्रनिधियों तथा नगर के बुद्धिजीवियों, जन प्रतिनिधियों व इग्नू के अधिकारियों के बीच विस्तृत वार्ता हुयी। इग्नू के अधिकारियों ने चर्चा के दौरान लोगों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का भी उत्तर दिया।
बैठक को सम्बोधित करते हुये कार्यक्रम के संयोजक एवं मऊ इग्नू शाख के को-आर्डिनेटर डा0 मुहम्मद जेयाउल्लाह ने बताया कि इग्नू द्वारा पूरे देश में हजारों अध्ययन केन्द्रों में लगभग 250 विभिन्न कोर्सेस की शिक्षा दी जाती है। इस में विषेष रूप से 3 प्रकार के स्नातक, 7 विषयों में स्नातकोत्तर, विभिन्न प्रकार के डिप्लोमा, स्नातकोत्तर डिप्लोमा व प्रमाण पत्र के कोर्सेज शामिल हैं। उन्होंने जानकारी देते हुये कहा कि बैचलर प्रिपेरेटरी प्रोग्राम (ठच्च्) जो मात्र इग्नू में इण्टरमीडिएट के समकक्ष मान्य है को बढ़ावा देने के लिये सरकार यह प्रोग्राम चला रही है जिसके तहत बुनकर समाज के शिक्षा स्तर को ऊपर उठाने एवं उन्हें पूर्ण रूप से शिक्षित बनानाने का लक्ष्य निर्धारित है।
मुख्य अतिथि एवं इग्नू, वाराणसी के निदेशक डा0 ए0के0 त्रिपाठी ने कहा कि बुनकरों की शिक्षा की दैनीय स्थिति को मद्देनजर रखते हुये भारत सरकार की टेक्सटाइल मिनिस्ट्री ने ठच्च् कोर्स के लिये बुनकरों की फीस पूर्णतया माफ कर दी है। उन्होंने बताया कि बीपीपी कोर्स इग्नू में इण्टरमीडिण्ट के समकक्ष है। इसे करने के बाद कोई भी बुनकर इग्नू से ही ग्रेजुएशन में प्रवेश ले कर अपना ग्रेजुएशन भी पूर्ण करने के बाद देश के किसी भी महाविद्यालय में प्रवेश लेने के लिये पात्र होगा तथा अपनी आगे की पढ़ाई भी कर सकेगा।
विशिष्ट अतिथि एवं इग्नू, वाराणसी के उप निदेशक अनिल मिश्रा ने बताया कि सरकार चाहती है कि बुनकरों को अशिक्षा के अभिशाप से मुक्त कर उन्हें भी देश की मुख्य धारा से जोड़े। उन्होंने बताया कि बुनकरों के लिये बीपीपी हेतु फार्म, प्रवेश शुल्क व अध्ययन सामग्री मुफ्त मुहैया करायी जायेगी। श्री त्रिपाठी ने बताया कि इग्नू से बीपीपी करने के बाद बीए, बीएससी, बीकाम, बीटीएस जैसे ग्रेजुएशन कोर्सेज एवं इनके इलावा अन्य डिप्लोमा कोर्सेज भी कर सकते हैं, जो निसंदेह बुनकरों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मददगार साबित होंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व पालिका अध्यक्ष एवं बुनकर प्रतिनिधि अरशद जमाल ने मौजूद बुनकर एवं बुनकर प्रतिनिधियों तथा इग्नू के अधिकरियों के संग अपने विचारों को साझा करते हुये कहा कि भारत सरकार ने बुनकरों के लिये इग्नू के द्वारा शिक्षा को प्रोत्साहन देने और विशेषकर बुनकरों की शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिये फीस माफी कर अच्छा काम किया है। शिक्षा सम्बन्धी योजना के क्रियांवयन के मकसद से आयोजित इस प्रोग्राम में आप की उपस्थिति एवं सहभागिता से यह जाहिर होता है कि आप शिक्षा के प्रति आप जागरूक हैं। उन्होंने बताया कि बुनकरों में बहुत से लोग शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश नहीं ले सके या लिया भी तो उन्हें बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी और वे बुद्धिमान होते हुये भी शिक्षा की मुख्य धारा से पिछड़ गये।
इस अवसर पर विशेष रूप से डा0 इमदादुलहक, जावेद चन्दन, फैयाज अहमद मेम्बर, अब्दुल कादिर मेम्बर, हफीजुर्रहमान मेम्बर, इकबाल अहमद मेम्बर, अताउल्लाह मेम्बर, डा0 अब्दुलसईद, फैयाज अहमद, शमीम सुहाग, एहसानुलहक, इं0 मु0 आदिल, मोलवी मुम्ताज अहमद, मोलवी अब्दुल बासित, मु0 नसीम, मुनव्वर अली, कन्हैया लाल, नसीम अहमद के इलावा बहुत से लोगों की सहभागिता रही।