आज सुबह 7 बजे कश्ती से नदी पार जाकर निशात नगर, साई की तकिया, बैर बग्गा, क्षेत्रो में जाकर अल्ताफ के लिये वोट की अपील की। ये कितनी बड़ी विडम्बना है कि आज भी बच्चों को नाव से विद्द्यालय जाना पड़ता है।
तीनो गांव में 5000 के लगभग आबादी है।न कोई प्राथमिक विद्द्यालय है न कोई स्वास्थ्य केंद्र है। बाढ़ में सारी बस्ती डूब जाती है। मल्लाह, यादोव, मुस्लिम, राजभर और चौहान समाज की बहुत पुरानी आबादी है। बेलवा घाट से आगर एक पुल बनाकर बस्ती को जोड़ा जाता तो उधर भी विकास होसकता है। मैं कुछ बोलता हूं और सदर विधायक को नाकारा बताता हूं तो लोगो को बुरा लगता है। नदी में तेज़ कटान से भी लोग दहशत में है। बोल्डर डालने की ज़रूरत है।