समाजवादी पार्टी मऊ के नगर महासचिव फरीदुलहक अंसारी की स्मृति में शोक सभावक्ताओं ने व्यक्त की संवेदना, कहा सहयोगी प्रवृत्ति के मालिक थे फरीद
मऊनाथ भंजन। आज नगर पालिका परिषद के सभागार में समाजवादी पार्टी मऊ के नगर महासचिव फरीदुलहक अंसारी की स्मृति में एक शोक सभा आयोजित हुयी। सभा में नेता, अधिकारी एवं कर्मचारी, सभासद एवं शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे। ज्ञातव्य रहे कि मृतक फरीदुलहक अंसारी को बृहस्पतिवार को गम्भीर हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें स्थानीय शारदा नारायण हास्पिटल में भर्ती कराया गया था जहाँ चिकित्सकों की गहन देख-रेख में उपचार चल रहा था। हृदय चिकित्सक डा0 संजय सिंह ने स्थिति में सुधार ने होने पर उन्हें पी0जी0आई0 लखनऊ के लिये रिफर कर दिया था। पी0जी0आई0 ले जाते समय फैजाबाद के समीप उनका निधन हो गया था।
इस शोक सभा में अपना विचार प्रकट करते हुये समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्मप्रकाश यादव ने कहा कि यूँ तो प्रति दिन लोग जीते मरते हैं लेकिन किसी के इन्तेकाल पर शोक सभा उसी की होती है जो समाज में अपने कृत्यों के प्रति लोगों में प्रिय होता है। फरीद ऐसे व्यक्ति थे जो सहजतापूर्वक सभी का मन मोहलेने में कुशल थे।
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष अलताफ अंसारी ने कहा कि जो पैदा हुआ है उसे मरना भी है। किसी के मरणोपरान्त यदि चर्चा होती है तो निश्चित ही उसकी हुनरमन्दी लोगों के दिलों में अच्छा मुकाम रखती है। उन्होंने बताया कि फरीद के ईमानदारी पर सभी को नाज था। वह हर चीज का सही हिसाब रखते थे। चर्चा उसी की होती है जो कुछ करता है। वह सामाजिक व्यक्ति थे किसी काम से मुह नहीं मोड़ते थे।
कामरेड विरेन्द्र ने कहा कि फरीद से मेरा पुराना सम्बन्ध है। उन्हें कभी काम से ऊबते हुये नहीं देखा। उनके चेहरे से गुस्सा, नाराजगी नजर नहीं आती थी। वह काफी मिलनसार व्यक्ति थे। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के सकून के लिये प्रार्थना भी की।
श्री अरशद जमाल ने बताया कि फरीदुलहक अंसारी समाजवादी पार्टी के वफादार साथी थे। उनका स्वभाव विनम्र था तथा वे कर्तव्यनिष्ठ एवं कमर्ठ व्यक्ति थे। वह काम से कभी घबराते नहीं थे, बल्कि काम उनसे घबराता था। वफादारी उनकी खमीर में थी। हिसाब किताब और जिम्मेदारियों में उनका कोई सानी नहीं था। अच्छे बुरे वक्त में हमेशा साथ रहे उनके स्वभाव में कोई फर्क नहीं आया। श्री जमाल ने बताया कि बाप के जीवन में यदि बेटे का निधन हो जाता है तो शरीअत में मृतक की सन्तान को दादा की जायदाद से कुछ भी नहीं मिलता वह महजूब हो जाते हैं। पर उनके पिता अजीजुलहक उर्फ मुन्नू उनके इन्तेकाल के अगले ही दिन मेरे घर आये और कहा कि मैं अपनी जायदाद से अपने सभी बच्चों को जैसे बराबर बराबर दूँगा उसी भांति फरीदुलहक अंसारी के बेटों को भी दूँगा। सभी चचा भी फरीद के बच्चों के साथ समान रूप से खड़े हैं। श्री जमाल ने अपनी संवेदना जाहिर करते हुये कहा कि मृतक फरीदुलहक अंसारी मेरे निकटतम सहयोगी थे। उनके आकस्मिक निधन पर मैं काफी आहत हूँ। फरीद हमारी समस्याओं का हल थे। उनकी मृत्यु मेरे लिये अपूर्णनीय क्षति है। उन्होंने कहा कि जैसे फरीद हमारे साथ खड़े रहे हम भी उनके परिवार के साथ वैसे ही खड़े रहेंगे। श्री जमाल ने कहा कि मैं अल्लाह से मरहूम के मगफिरत की दुआ करता हूँ तथा मैं इस अत्यन्त दुख की घड़ी में पूर्णरूप से उनके परिवार के साथ हूँ।
इस अवसर पर अब्दुस्सलाम शामियाना, मंजूर सभासद, व्यापारी नेता कमरुज्जमां, जिला महासचिव-अब्दुल कुद्दूस, जिला उपाध्यक्ष-नन्हकू राजभर ने भी फरीदुलहक अंसारी को कर्मठ, कार्यशील एवं अपनी मृदुल शैली से लोगों को मन्त्रमुग्ध कर लेने वाले अद्वितीय व्यक्तित्व का मालिक बताया। कहा कि इनके आकस्मिक निधन से समाजवादी पार्टी को हुयी क्षति अपूर्णनीय है।