बेगलूरू। (एजेंसियां) चांद पर सफलता प्राप्त करने के उपरान्त अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सूर्य के रहस्यों को जानने एवं उस पर सफलता प्राप्त करने की तैयारियों में जुट गया है। अभी चन्द्रयान-3 की सफलता का जश्न धूमिल भी नहीं हुआ है कि ‘आदित्य एल-1’ के लांचिग के लिये 2 सिम्बर की तिथि की घोषण कर दी गयी है।
अर्थात् चन्द्रयान-3 के बाद इसरो ‘आदित्य एल-1’ के द्वारा नया इतिहास रचने के लिये तैयार है। इस मिशन की लांचिंग में अब हफ्ता भर से भी कम दिन शेष रह गये हैं। आगामी 2 सितम्बर को जब इसरो अपना प्रथम मिशन सूरज लांच करेगा तो पूरे संसार की निगाहें आध्रा प्रदेश के श्री हरि कोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेण्टर पर केन्द्रित होंगी। कारण यह है कि यहीं से ‘आदित्य एल-1’ को लांच किया जायेगा। आइये यहां हम कुछ प्वाइंट्स में इस मिशन की अहमियत एवं लाभ एवं ‘आदित्य एल-1’ की भूमिका को समझने का प्रयास करते हैं। पहली बार 2016 में मिशन सूरज अनुसंधान हेतु 3 करोड़ रूपये का बजट दिया गया। ‘आदित्य एल-1’ के लिये 2019 में 378 करोड़ का बजट जारी किया जिसमें लांचिंग का खर्च सम्मिलित नहीं था।