मेरी धर्मनिर्पेक्ष राजनैतिक छवि को धूमिल करने के लिये कराया गया है फर्जी मुकदमा-अरशद जमाल
मऊनाथ भंजन। हमारा देश धर्मनिर्पेक्ष राष्ट्र है। यहाँ किसी की भी धार्मिक भावनाओं को आघात पहुँचाने का किसी को भी अधिकार नहीं है। समाज हिन्दू-मुस्लिम ताने-बाने के साथ चलता है। धार्मिक कट्टरवाद को आधार बनाकर राजनीति करने वाले लोग सदेव सफल नहीं होते। उक्त बातें नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल ने अपने एक प्रेस नोट में कही हैं। श्री जमाल ने कहा कि वाट्सऐप संदेश को लेकर मेरे ऊपर 153, 295 आईपीसी और आईटी एक्ट की धारा 66 के अन्दर विश्वहिन्दू परिषद के एक नेता द्वारा मुकदमा कायम कराया गया है। मैं मुकदमा कायम होने या जेल जाने से भयभीत नहीं हूँ, मगर मुझे इस बात का बहुत कष्ट है कि जो कार्य मैने किया ही नहीं उसका आरोप मेरे ऊपर क्यों लगाया जा रहा है। पूर्व पालिका अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यह आगामी नगर पालिका के चुनाव को देखते हुये राजनैकित द्वेष में उठाया गया कदम है। मेरी धर्मनिर्पेक्ष छवि को धूमिल करने के लिये यह षड़यन्त्र रचा गया है। इस सम्बन्ध में उन्होंने 29.11.2016 के हाई कोर्ट के माननीय न्यायाधींश राजीव सहाय द्वारा दिये गये निर्णय के पैरा 17 और 20 की नजीर पेश करते हुये बताया कि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी ग्रुप के सदस्यों द्वारा भेजे गये किसी संदेश का ग्रुप एडमिन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
पूर्व पालिका अध्यक्ष ने कहा कि मेरी पत्नी के पालिका अध्यक्ष कार्यकाल को 5 वर्ष पूरे होने वाले हैं इस अवधि में कोई भी व्यक्ति हम पर यह आरोप नहीं लगा सकता कि हमने धर्म के आधार पर नगर के विकास कार्याें में किसी प्रकार का भेद-भाव किया हो। चूँकि पालिका अध्य पद के चुनाव में मेरी पत्नी को हिन्दू क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में मत प्राप्त हुये थे इस लिये मेरी धर्मनिर्पेक्ष एवं स्वच्छ राजनैतिक छवि को दागदार बनाने के लिये नियोजित तौर पर इस प्रकार के बेबुनियाद एवं अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं। मगर यह जनता है सब जानती है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को पता है कि उनका असली हितैषी कौन है। उन्होंने बताया कि जून में नगरीय निकायों के चुनाव होने की सम्भावना जतायी जा रही है। तब तक इस तरह के फरजी आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहेगा। लोग आरोप लगाते रहेंगे और हम निरन्तर भेद-भाव रहित विकास कार्य करते रहेंगे।
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