केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) या ‘सीबीआई’ भारत सरकार की प्रमुख जाँच एजेन्सी है। यह आपराधिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए भिन्न-भिन्न प्रकार के मामलों की जाँच करने के लिये लगायी जाती है। सीबीआई कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अधीन कार्य करती है। यद्यपि इसका संगठन फेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन से मिलता-जुलता है किन्तु इसके अधिकार एवं कार्य-क्षेत्र एफ़बीआई की तुलना में बहुत सीमित हैं। इसके अधिकार एवं कार्य दिल्ली विशेष पुलिस संस्थान अधिनियम, 1946 से परिभाषित हैं।
भारत के लिये सीबीआई ही इन्टरपोल की आधिकारिक इकाई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वर्तमान निदेशक “प्रवीन सूद” है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के संस्थापक एवं प्रथम निदेशक डी. पी. कोहली थे, जिन्होंने 01 अप्रैल, 1963 से 31 मई, 1968 तक कार्यभार संभाला था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का संक्षिप्त विवरण
स्थापना | वर्ष 1963 |
स्थापना कर्ता | डी. पी. कोहली (भारत सरकार) |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
वर्तमान CBI निदेशक (2023) | प्रवीन सूद |
सिद्धांत | उद्योग, निष्पक्षता और अखंडता |
क्षेत्राधिकार | भारत |
दूरभाष न० (Contact No) | 011 2436 0213 |
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का इतिहास:
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, जिसकी स्थापना वर्ष 1941 में भारत सरकार द्वारा विशेष पुलिस स्थापना (एसपीई) के तहत की गई थी। उस समय एसपीई का मुख्य कार्य दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत के युद्ध तथा आपूर्ति विभाग में लेन-देन में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच-पड़ताल करना था। एसपीई युद्ध विभाग के देख-रेख में था। यहां तक कि युद्ध के समाप्त होने तक की केन्द्रीय सरकार द्वारा कर्मचारियों से संबंधित रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने के लिए एक केन्द्रीय सरकार की जांच एजेंसी की जरूरत महसूस की गई थी।
इसलिए, 1946 में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम को लागू किया गया। यह अधिनियम एसपीई के अधीक्षण को गृह विभाग को हस्तांतरित करता है और इसके कार्यों के परिधि को बढ़ाकर भारत सरकार के सभी विभागों को करता है। वर्ष 1947 में भारत की स्वतन्त्रता के बाद इसे भी सामान्य पुलिस व्यवस्था में ही मिला दिया गया जिसके बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो गया। वर्ष 1963 में इसकी पुन: स्थापना की गई थी। सीबीआई का कार्यक्षेत्र सभी संघ शासित राज्यों तक है और जब राज्य सरकार की सहमति होती है तो इसका कार्यक्षेत्र राज्य में भी लागू किया जा सकता है।
वर्ष 1963 से अबतक बने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के निदेशकों की सूची:
नाम | पद ग्रहण | पद विमुक्ति |
डी. पी. कोहली | 01 अप्रैल, 1963 | 31 मई, 1968 |
एफ. वी. अरूल | 31 मई 1968 | 06 मई 1971 |
डी. सेन | 6 मई 1971 | 29 मार्च 1977 |
एस. एन. माथुर | 29 मार्च 1977 | 02 मई 1977 |
सी. वी. नरसिम्हन | 02 मई 1977 | 25 नवम्बर 1977 |
जॉन लोब | 25 नवम्बर 1977 | 30 जून 1979 |
आर. डी. सिंह | 30 जून 1979 | 24 जनवरी 1980 |
जे. एस. बावा | 24 जनवरी 1980 | 28 फ़रवरी 1985 |
एम. जी. कातरे | 28 फ़रवरी 1985 | 31 अक्टूबर 1989 |
ए. पी. मुखर्जी | 31 अक्टूबर 1989 | 11 जनवरी 1990 |
आर. शेखर | 11 जनवरी 1990 | 14 दिसम्बर 1990 |
विजय करन | 14 दिसम्बर 1990 | 01 जून 1992 |
एस. के. दत्ता | 01 जून 1992 | 31 जुलाई 1993 |
के. विजय रामा राव | 31 जुलाई 1993 | 31 जुलाई 1996 |
जोगिंदर सिंह | 31 जुलाई 1996 | 30 जून 1997 |
आर. सी. शर्मा | 30 जून 1997 | 31 जनवरी 1998 |
डी. आर. कार्तिकेयन | 31 जनवरी 1998 | 31 मार्च 1998 |
डॉ. टी. एन. मिश्रा | 31 मार्च 1998 | 04 जनवरी 1999 |
डॉ. आर. के. राघवन | 04 जनवरी 1999 | 30 अप्रैल 2001 |
पी. सी. शर्मा | 30 अप्रैल 2001 | 06 दिसम्बर 2003 |
यू. एस. मिश्रा | 06 दिसम्बर 2003 | 06 दिसम्बर 2005 |
विजय शंकर | 12 दिसम्बर 2005 | 31 जुलाई 2008 |
अश्विनी कुमार | 02 अगस्त 2008 | 30 नवम्बर 2010 |
ए. पी. सिंह | 30 नवम्बर, 2010 | 30 नवम्बर, 2012 |
अनिल कुमार सिन्हा | 01 दिसम्बर, 2012 | 19 जनवरी 2017 |
आलोक कुमार वर्मा | 19 जनवरी 2017 | 23 अक्टूबर 2018 |
एम. नागेश्वर राव (अंतरिम निदेशक) | 23 अक्टूबर 2018 | 1 फरवरी 2019 |
ऋषि कुमार शुक्ला | 23 अक्टूबर 2018 | 2 फरवरी 2019 से अबतक |
प्रवीन सूद | 25 मार्च 2023 | वर्तमान पदस्थ |
सीबीआई (CBI) के कार्य:-
- CBI भारत सरकार की मुख्य जाँच एजेंसी है। यह एक वैधानिक निकाय नहीं है; यह दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 से अपनी शक्तियों को प्राप्त करता है। इसकी महत्वपूर्ण भूमिका भ्रष्टाचार को रोकने और प्रशासन में अखंडता बनाए रखने के लिए है। यह भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 से संबंधित मामलों में CVC (केंद्रीय सतर्कता आयोग) की देखरेख में काम करता है।
- विभिन्न राज्य पुलिस बलों और भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों की गतिविधियों का समन्वय करने के लिए।
- राज्य सरकार के इशारे पर, CBI सार्वजनिक महत्व के किसी भी मामले को उठा सकती है और उसकी जांच कर सकती है।
- अपराध के आंकड़ों को बनाए रखना और आपराधिक जानकारी का प्रसार करना।
- सीबीआई इंटरपोल के साथ पत्राचार के लिए भारत का प्रतिनिधि है।