उ0प्र0 में परिवार के सदस्यों के मध्य क्रियांवित अचल सम्पत्ति के दान विलेख (पंजीकृत हेबानामा) में देय स्टाम्प शुल्क में छूट दिये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
मऊनाथ भंजन। उत्तर प्रदेश में परिवार के सदस्यों के मध्य निष्पादित (क्रियांवित) अचल सम्पत्ति के दान विलेख (रजिस्टर्ड हेबानामा) पर प्रभार्य (देय) स्टाम्प शुल्क में छूट देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य में परिवार के सदस्यों के बीच जैसे पुत्र, पुत्री, पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्रवधु (पुत्र की पत्नी), सगा भाई (सगे भाई के मृतक होने की दशा में उसकी पत्नी), सगी बहन, दामाद (पुत्री का पति), पुत्र एवं पुत्री के पुत्र या पुत्री के बीच क्रियांवित अचल सम्पत्ति के दान विलेख पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क की अधिकतम सीमा को 5000/(पाँच हजार) रुपये निर्धारित किये जाने के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृति दे दी गयी है। यह विशेष छूट अग्रिम आदेशों तक के लिए दी जाएगी। उसके बाद राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव एवं निबंधित (पंजीकृत) होने वाले विलेखों (विलेख वह लिखित कानूनी दस्तावेज हैं जो किसी अधिकार या सम्पत्ति के स्वामित्व की घोषणा करते हैं) पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कर इस छूट को आगे बढ़ाया जा सकता है।
रजिस्ट्रीकरण अधिनियम व भारतीय स्टाम्प अधिनियम के अनुसार सम्पत्ति के दान विलेख के पंजीकरण के सम्बन्ध में वर्णित प्राविधानों के अधीन राज्य सरकारों को पारिवारिक सदस्यों के मध्य क्रियांवित होने वाले विलेखों पर देय स्टाम्प शुल्क में छूट देने का अधिकार प्राप्त है। इसी आधार पर वर्तमान में देश के प्रमुख राज्यों जिन में महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश आदि शामिल हैं में पारिवारिक सदस्यों के मध्य निष्पादित अचल सम्पत्ति के दान विलेखों पर देय स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान की गयी है। उक्त प्रस्ताव की स्वीकृति के उपरान्त अब उत्तर प्रदेश में भी पारिवारिक सदस्यों के मध्य निष्पादित (क्रियांवित) दान विलेखों के माध्यम से अचल सम्पत्तियों का अन्तरण आसान हो जायेगा और इससे आम लोगों को लाभ मिलेगा। यह बातें पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने बतायी हैं।
पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने बताया कि घर-घर सौहार्दपूर्ण वातावरण हेतु सरकार ने गिफ्ट डीड अर्थात् रक्त सम्बन्धों में सम्पत्ति दान को स्थायी कर दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष मार्च से सितम्बर के बीच प्रदेश भर में इसे ट्रायल के रूप में लागू किया गया था जिसके बाद अच्छे परिणाम आये हैं इस लिये स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग द्वारा इसे पनुः लागू करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। श्री जमाल ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठायें।
ज्ञातब्य रहे कि रक्त सम्बन्धों के अलावह इसमें अब विधवा बहू को भी सास-ससुर केवल 5000/ (पांच हजार रूपये) देय स्टाम्प शुल्क भुगतान करके अचल सम्पत्ति दान कर सकेंगे। गिफ्ट डीड का इस्तेमाल पांच वर्षाें में एक बार किया जा सकेगा।
दिनाँकः 03.08.2023
*अहमद शकेब अर्सलान*
(मीडिया प्रभारी)
अध्यक्ष
नगर पालिका परिषद
मऊनाथ भंजन, मऊ
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